प्रो जी सुंदर रेड्डी! अगर आप 12वीं कक्षा में हो तो आपने प्रो जी सुंदर रेड्डी का पाठ जरूर हिंदी किताब में देखा होगा। इनका पाठ 12 वीं कक्षा में जरूर पढ़ाया जाता है।
इनका जीवन परिचय और साहित्य परिचय 12वीं कक्षा के पेपर में हिंदी के पेपर में जरूर पूछ जाता है। अगर आप भी इनका जीवन परिचय और साहित्य परिचय और उनकी प्रमुख रचनाएं क्या है।
यह पढ़ना चाहते हो तो बिल्कुल सही जगह पर आ चुके हो। इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी इनके पूरे पाठ के साथ में मिलेगी।
इसके साथ में मैं आपको यह भी पढ़ाऊंगा कि इनके पाठ का संदर्भ कैसे लिखा जाता है। और इनकी प्रमुख बहुविकल्पी प्रश्न भी आपको दूंगा!
अगर आप इनका जीवन परिचय, साहित्य परिचय, प्रमुख रचनाएं, पढ़ना चाहते हो तो इस आर्टिकल को आगे तक जरूर पढ़ें।

सबसे पहले हम प्रो जी सुंदर रेड्डी का जीवन परिचय पढ़ते हैं
प्रो जी सुंदर रेड्डी का जीवन परिचय
प्रो जी सुंदर रेड्डी का जन्म 1919 में हुआ था, इनका जन्म दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश में हुआ था, इनकी प्रारंभिक शिक्षा संस्कृत और तेलुगू भाषा में शुरू हुई थी!
और उच्च शिक्षा हिंदी में हुई थी ! यह बहुत समय तक आंध्र विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष रहे थे ! और 2005 में इस महान लेखक का निधन हो गया।
जीवन परिचय शार्ट में
अब मैं आपको बहुत ही आसान ही में प्रो जी सुंदर रेड्डी का जीवन परिचय पढ़ाऊंगा। जो कि आप बहुत आसानी से याद कर सकते हो।
जीवन परिचय
- नाम – प्रो जी सुंदर रेड्डी
- जन्म – 1919
- जन्म स्थान – आंध्र प्रदेश
- शिक्षा – आंध्र प्रदेश लेखन विधा हिंदी और तेलुगु भाषा साहित्य
- भाषा – शैली
- भाषा – विभाग के अनुकूल शैली विवेचनात्मक, गवेषणात्मक, आलोचनात्मक,
- प्रमुख रचनाएं साहित्य और समाज ! मेरे विचार ! दक्षिण की भाषाएं और उनका साहित्य !
- निधन – 2005
- साहित्य में स्थान – समालोचक विचारक और निबंधकार के रूप में इनका काफी महत्वपूर्ण स्थान रहा है
प्रो जी सुंदर रेड्डी का साहित्य परिचय दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता अगर आप 12वीं कक्षा में हो तो यह चेप्टर आपके हिंदी में किताब में जरूर दिया होगा।
यह एनसीईआरटी सब्जेक्ट में है प्रो जी सुंदर रेड्डी का 12वीं कक्षा में जीवन परिचय नहीं पूछा जाता है, आपसे इनका साहित्य परिचय पूछा जाएगा। इसलिए साहित्य परिचय बहुत ही ध्यान से पढ़ें!
बहुत से लोगों को साहित्य परिचय याद करने में परेशानी होती है, लेकिन मैं आपको बिल्कुल आसान भाषा में इनका साहित्य – परिचय बताने वाला हूं जो कि आप एक बार पढ़ने के बाद याद कर लोगे।
साहित्य परिचय
प्रो जी सुंदर रेड्डी निबंधकार हैं, इन्होंने हिंदी और दक्षिण की भाषाओं में मैत्री भाग के लिए प्रत्याशी मानवतावादी दृष्टिकोण के पक्षपाती प्रोफेसर जी सुंदर रेड्डी का व्यक्तित्व कृत्रिम अत्यंत प्रभावशाली रहा है,
सुंदर रेड्डी हिंदी के प्रकांड पंडित रहे हैं, आंध्र विश्वविद्यालय में प्रो जी सुंदर रेड्डी हिंदी विभाग के अध्यक्ष भी रहे,
इन्होंने हिंदी और तेलुगु भाषा साहित्य के विविध प्रश्नों पर इन्होंने अध्ययन और शोध कार्य संपन्न कराया था तमिल तेलुगु कन्नड़ और मलयालम भाषा के साहित्य और इतिहास का सूक्ष्म विवेचन कर के साथ – साथ हिंदी भाषा और साहित्य से भी
इनकी तुलना करने में रेडी जी ने प्रिया तो रुचि दिखाई थी, हिंदी भाषा प्रदेश के निवासी होते हुए भी प्रवेश ऑलरेडी का हिंदी भाषा का अच्छा अधिकार रहा है, सन 2005 ईस्वी में इसका निधन हो गया!
अब हम इनके कृतियां, भाषा – शैली, और हिंदी साहित्य में स्थान पढ़ेंगे।
आपको साहित्य परिचय लिखने के बाद कृतियां भाषा शैली और साहित्य स्थान जरूर लिखना होगा! अगर आप यह नहीं लिखोगे तो आपके नंबर काट लिए जाएंगे!
अगर आप कृतियां भाषा – शैली और हिंदी साहित्य में स्थान लिख लेते हो तो आपको पूरे 5 नंबर दिए जाएंगे।
कृतियां
प्रोफेसर रेड्डी जी के आठ ग्रंथ है, इनके नाम कुछ इस प्रकार हैं?
- साहित्य और समाज
- हिंदी और तेलुगु!
- मेरे विचार
- एक तुलनात्मक अध्ययन
- दक्षिण की भाषाएं
- उनका साहित्य बेचारी की शोध!
- और बौद्ध !
- तेलुगु दारुल तेलुगु संपादित अंग्रेजी ग्रंथ लैंग्वेज प्रॉब्लम इन इंडिया!
यह सब ग्रंथ प्रो जी सुंदर रेड्डी के हैं !
भाषा शैली
भाषा
प्रोफेसर रेड्डी की भाषा बहुत आसान और सरलता स्पष्टता और शहजादा वाली है , भाषा को संपन्न बनाने के लिए रेडी जी ने अपनी भाषा में संस्कृत के तत्सम शब्दों का उपयोग किया है! और साथ में उर्दू फारसी एवं अंग्रेजी भाषा के शब्दों का भी उपयोग किया है!
रेडी जी ने अपनी भाषा में मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग किया है! जिससे भाषा सरल एवं प्रभावशाली बनी है! प्रो जी सुंदर रेड्डी की भाषा इनके भाव और विषय में अनुकूल बन पड़ी है!
शैली
प्रो जी सुंदर रेड्डी की शैली निम्न प्रकार है !
- 1 विवेचनात्मक
- 2 गवेषणात्मक
- 3 आलोचनात्मक
दोस्तों सबसे बड़ी बात यह आती है! कि बहुत से छात्र यह नहीं समझ पाते हैं की शैली होती क्या है ! तो मैं आपको बता दूं! की जो भी लेखक होता है उसकी जो प्रमुख रचनाएं होती है उसी को शैली कहा जाता है!
हिंदी साहित्य में स्थान
प्रो जी सुंदर रेड्डी ने अपने जीवन में काफी बड़े – बड़े काम किए हैं! यह निबंधकार थे उच्चकोटि के विचारक भी ते समालोचक भी रहे हैं! अब हम पढ़ते हैं प्रो जी सुंदर रेड्डी का संदर्भ भी पढ़ लेते है
प्रो जी सुंदर रेड्डी का संदर्भ
इस पाठ के लेखक का नाम है प्रो जी सुंदर रेड्डी और पाठ का नाम है भाषा और आधुनिकता है,
बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
भाषा और आधुनिकता निबंध के रचनाकार का नाम है !
प्रो जी सुंदर रेड्डी
साहित्य और समाज निबंध के लेखक का नाम है
प्रो जी सुंदर रेड्डी
किस ग्रंथ के रचनाकार जी सुंदर रेड्डी हैं
बेचारीकी चौथ और बोध
दक्षिण की भाषाएं और उनका साहित्य निबंध के रचयिता का नाम है
प्रो जी सुंदर रेड्डी
मेरे विचार निबंध के लेखक का नाम है
प्रो जी सुंदर रेड्डी
किस रचना के लेखक प्रो जी सुंदर रेड्डी हैं
वैल्यू दारुल
निष्कर्ष
दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं आपको यह चैप्टर अच्छा लगा होगा। और मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी अगर मुझसे कुछ पूछना है तो मुझे कमेंट करे में आपको जबाब दूंगा।