आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का जीवन एवं साहित्य परिचय क्या है?

आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का जीवन और साहित्य परिचय क्या है ? क्या तुम जानते हो की आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का जीवन परिचय क्या होता है? 

अगर आप नहीं जानते हो या फिर आपको याद नहीं है तो आज आपको इस आर्टिकल में पूरी जानकारी मिलने बाली है! आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध जी के बारे में जैसे की जीवन परिचय क्या है? 

साहित्य परिचय क्या है? अगर आप छात्र हो तो आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए! इस आर्टिकल में आपको आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का पूरा पाठ पढ़ाया जायगा। 

आपको आखिर में बहुबिकल्पिए प्रश्न भी पढ़ाए जायँगे। तो आपका टाइम न लेते हुए पढ़ना शुरू करते है! सबसे पहले हम पढ़ते है की आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का जीवन परिचय क्या है! 

क्यूंकि हर साल 12th क्लास में इनका जीवन परिचय पूछा जाता है ! तो चलिए अब हम पढ़ते है!

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आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का जीवन परिचय 

जीवन परिचय को किसी भी व्यक्ति के ऊपर जीवन परिचय लिखते समय आपको बहुत कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए! जैसे – कि जिसका जीवन परिचय लिख रहे है उनका जन्म कब हुआ था! उनके पिता का नाम क्या है!

जन्म स्थान क्या है! जन्म कब हुआ था! उनकी शिक्षा क्या है! उन्होंने क्या काम किया उनकी प्रमुख रचनाएं क्या है और उनका निधन कब हुआ अगर आप यह सारी जानकारी उनके बारे में याद कर लेते हो!

तो आपको जीवन परिचय याद करना और भी आसान हो जाएगा। जैसे कि आप इस प्रकार देख सकते हो!

नाम – अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध 

पिता का नाम – पंडित भोला सिंह 

जन्म – 1865 

जन्म स्थान – निजामाबाद  ( आजमगढ़ ) 

शिक्षा – विभिन्न भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया 

लेखन विधा – नाटक, उपन्यास, काव्य ग्रंथ,

भाषा – शैली 

भाषा ब्रजभाषा और खड़ी बोली, शैली प्रबंध और मुक्तक प्रमुख रचनाएं प्रिय-प्रवास ! चौखे-चौपदे ! चुभते चौपदे!  वैदेही वनवास ! 

निधन – सन 1947 

साहित्य में स्थान – हरिऔध हिंदी और साहित्य की एक महान विभूति रहे थे!

अगर आप यह सारे टॉपिक को याद कर लेते हो तो आप इनका जीवन परिचय बहुत ही आसानी से लिख सकते हो ! तो चलिए अब हम पूरा एक साथ जीवन परिचय को पढ़ेंगे।

जीवन परिचय

अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध का जन्म आजमगढ़ जिले के निजामाबाद गांव में 1865 ईसवी में हुआ था, इनके पिता का नाम पंडित भोलासिंह था, और इनकी माता का नाम रुकमणी देवी था!

इनके पूर्वज ब्राह्मण थे ! वह कालांतर में सिख हो गए थे ! मिडिल परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद इन्होंने काशी के एक क्वींस कॉलेज में एडमिशन लिया था ! लेकिन अस्वस्थता के कारण इन्हें बीच में ही अपनी शिक्षा को छोड़ना पड़ा।

और इन्होंने घर पर ही फ़ारसी , अंग्रेजी , संस्कृत , अनेक भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया था, कुछ वर्ष तक इन्होंने निजामाबाद के तहसील स्कूल में अध्यापन का कार्य किया था! और बाद में 20 वर्ष तक कानूनगो के पद पर काम किया।

कानून गो पद से अव काश प्राप्त करके हरिऔध ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अवैत निक रूप से बच्चो को पढ़ाने का कार्य किया था और 1947 ईस्वी में इस कवि का निधन हो गया!

तो दोस्तों आप अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध जी का जीवन परिचय पढ़ चुके हो अब हम पढ़ेंगे ! साहित्य परिचय !
दोस्तों आगे बढ़ने से पहले मैं आपको बता दूं 12वीं कक्षा में हरिऔध जी उपाध्याय का साहित्य परिचय 5 नंबर में पूछा जाता है!

पेपरों में अगर आप भी 12वीं कक्षा की तैयारी कर रहे हो तो आपको इनका जीवन परिचय जरुर याद कर लेना चाहिए, और साहित्य परिचय तो जरूर से जरूर याद होना चाहिए, क्योंकि साहित्य परिचय तो 100%  पूछा ही जाता है!

आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का साहित्य परिचय

अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध जी द्विवेदी युग से ही कवि रहे हैं और इसके साथ में लेखक भी रहे थे! हरिऔध जी पहले ब्रजभाषा में कविता लिखा करते थे ! इनकी प्रारंभिक कविताएं समस्या प्रधान तथा छोटी – छोटी होती थी !

लेकिन जब इन्होंने आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेद से खड़ी बोली में काव्य रचना की प्रेरणा प्राप्त की तो इन्होंने आगे चलकर खड़ी बोली में काव्य रचना शुरू किया! 

और उसके बाद उन्होंने हिंदी में भी काव्य रचना में अमूल्य योगदान दिया था ! उपाध्याय जी काव्य को लोकहित और मानव कल्याण के प्रिय साधन के रूप में स्वीकार करते थे!

दोस्तों अगर आप अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध जी के बारे में इतनी जानकारी याद कर लेते हो और पेपर में लिख कर आ जाते हो !

तो आपको 5 नंबर जरूर पूरे मिल जाएंगे ! मैं आपको बता दूं 12वीं कक्षा में अयोध्या सिंह उपाध्याय का जीवन परिचय और साहित्य परीक्षा पूछा जाता है !

और आपसे सिर्फ 80 शब्द में ही लिखने को कहा जाता है! तो आपका समय ज्यादा बर्बाद ना करते हुए हम 80 ही शब्द पड़े हैं!

साहित्य परिचय पढ़ने के बाद आपको कीर्तिया ! नाटक ! उपन्यास ! काव्य ग्रंथ ! आदि ! लिखने के लिए कह जाते है ! तो चलिए कैसे लिखते हैं हम आपको बताते हैं !

आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध की कृतियां – नाटक 

रुकमणी परिणय ! प्रद्युम्न विजय !

आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का उपन्यास 

उपाध्याय हरिऔध जी का पहला उपन्यास प्रेमकांता है! ठेठ हिंदी का ठाठ और अधखिला फूल प्रारंभिक प्रयास यह सब उपन्यास हरिऔध जी के हैं!

आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का काव्य ग्रंथ

हरिऔध जी की 15 रचना लिखी हुई हैं! इनमें सबसे ज्यादा प्रमुख तीन मानी जाती हैं जो कि प्रिय प्रवास ! पारिजात ! और वेदही बनवास यह सब खड़ीबोली में लिखा गया प्रमुख रचना है!

यह सब बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं और इनको ही अक्सर पेपरों में पूछा जाता है !

आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध की भाषा शैली

आपको पेपर में जीवन परिचय साहित्य परिचय लिखते समय एक लाइन में भाषा शैली भी लिखना होता है!

भाषा – उपाध्याय हरिऔध जी की भाषा ब्रजभाषा है! लेकिन बाद में उन्होंने खड़ी बोली में भी काव्य रचना की थी!

शैली – उपाध्याय हरिऔध जी ने काव्य में प्रबंध और मुक्तक दोनों शैलियों का उपयोग किया है!

हिंदी साहित्य में स्थान

उपाध्याय हरिऔध जी लेखक और कवि भी थे, उन्होंने अनेक कविता लिखी और सबसे बड़ी बात यह है कि उपाध्याय हरिऔध जी द्विवेदी युग के महाकवि रहे हैं!

दोस्तों आप से 12वीं कक्षा में पेपर में दो नंबर में संदर्भ में भी लिखने के लिए कहा जाता है! दो नंबर का संदर्भ आपसे कबी का लिखवाया जाता है! और दो नंबर का संदर्भ आप से लेखक का लिखवाया जाता है! 

अगर आप लेखक के बारे में संदर्भ लिखना नहीं जानते हो तो हमारी वेबसाइट पर जाकर जरूर लिखना सीखे और संदर्भ याद कर लें! लेकिन सबसे पहले आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का भी सन्दर्भ पढ़े!

आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का संदर्भ

आपको संदर्भ लिखने से पहले दो लाइन में इनके पाठ्य का पैराग्राफ लिख कर दिया जाएगा। आपको पहचान कर लिखना होगा कि इस पाठ के लेखक का क्या नाम है और पाठ का क्या नाम है!

आपको इसी प्रकार से संदर्भ लिखना होता है! तो अगर आप पहचान लेते हो कि यह पैराग्राफ अयोध्या सिंह उपाध्याय के पाठ से लिया गया है! तो आपको इनका संदर्भ इस प्रकार से लिखना है!

आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का संदर्भ

पाठ का गद्यांश अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध जी के द्वारा लिखा गया है इस पाठ का नाम है पवन दूतिका है!

आपको संदर्भ में इतना ही लिखना है आपको दो नंबर मिल जाएंगे।

दोस्तों अब हम उपाध्याय हरिऔध जी के कुछ बहुविकल्पीय प्रश्न पढ़ लेते हैं, जो कि हर साल पूछे जाते है!

बहुबिकल्पिए प्रश्न उत्तर

1 प्रियप्रवास किसकी रचना है 

अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की 

2 अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की रचना का नाम क्या है ?

चुभते चौपदे 

3 रस कलश के कवि का क्या नाम है ?

अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध 

4 चोखे चौपदे किसका काव्य ग्रंथ है !

अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध 

5 अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध कवि थे 

द्विवेदी युग के 

6 वैदेही वनवास के कवि का क्या नाम है ?

अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध

7 अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध के द्वारा की गई रचना का क्या नाम है ?

रसकलश ! प्रिय प्रवास 

8 उस ग्रंथ का नाम लिखिए जो हरिऔध जी के द्वारा नहीं लिखी गई है !

चित्राधार

निष्कर्ष

आज के इस लेख में मैंने आपको आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध का पाठ पढ़ाया है में उम्मीद करता हु की आपको यह सभी जानकारी इस लेख को समझ आई होगी और इसी प्रकार की और अधिक जानकारी को प्राप्त करने के लिए

मेरी वेबसाइट को विजिट करते रहे अगर आपका आयोध्यासिंह उपाधाय हरिऔध जी से जुड़ा कोई सबाल है तो कमेंट करे में आपको पूरी जानकारी दे दूंगा पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यबाद।

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