छंद किसे कहते हैं? और छंद कितने प्रकार के होते हैं

क्या आप छात्र हो! और आप 12वीं कक्षा तथा 10वीं कक्षा में पढाई करते है और आप जानना चाहते हो कि छंद किसे कहते हैं और छंद कितने प्रकार के होते हैं! अगर आप यह छंद के बारे में पढ़ना चाहते हो याद करना चाहते है!

तो आज आप बिल्कुल सही जगह आए हो यहां आपको पूरी जानकारी मिलने वाली है, इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे। छंद किसे कहते हैं? छंद कितने प्रकार के होते हैं और सभी के नाम क्या हैं अगर आप एक बार पढ़ लेते हो!

छंद किसे कहते हैं और छंद कितने प्रकार के होते हैं

तो आपको दोबारा कहीं पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी। आप एक बार पढ़ कर ही याद कर सकते हो! तो चलिए पढ़ना शुरू करते हैं सबसे पहले हम पढ़ते हैं छंद किसे कहते हैं?

छंद किसे कहते है?

दोस्तों हिंदी साहित्य के अनुसार अक्षर – अक्षरों की जब हम गिनती करते हैं! यह शब्द की संख्या जो होती है उसी को छंद कहा जाता है! छंद में हमें शब्द की मात्रा और अक्षरों का पता चलता है!

मैं उम्मीद करता हूं आप समझ गए होगे कि छंद किसे कहते हैं अब हम पढ़ेंगे छंद कितने प्रकार के होते हैं?

छंद कितने प्रकार के होते हैं

दोस्तों अगर आप छात्र हो तो आपको पता होना चाहिए छंद दो प्रकार के होते हैं! चलिए मैं इनके नाम आपको बता देता हूं !

  • 1 मात्रिक छंद 
  • 2 वर्णवृत  छंद

चलिए दोनों को पढ़ते हैं! सबसे पहले हम पढ़ते हैं मात्रिक छंद के बारे में कि मात्रिक छंद किसे कहते हैं?

मात्रिक छंद किसे कहते हैं?

दोस्तों मात्रिक छंद में सिर्फ मात्राओं की गणना की जाती है! मात्रिक छंद में वर्णों के लघु और गुरु की संख्या का ध्यान नहीं रखा जाता है! इसी को मात्रिक छंद कहा जाता है! या हम इसको ऐसे भी पढ़ सकते हैं ! 

मात्रिक छंद मात्राओं की गणना करता है! अब आप यह तो पढ़ चुके ही होगे की छंद किसे कहते हैं? छंद कितने प्रकार के होते हैं? और यह भी पढ़ चुके हो की मात्रिक छंद क्या है? 

यह आप जान चुके हो लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए। कि मात्रिक छंद कितने प्रकार के होते हैं? चलिए मैं आपको बता देता हूं!

मात्रिक छंद कितने प्रकार के होते हैं?

दोस्तों मात्रिक छंद मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं

  • 1 सम छंद 
  • 2 अर्द्धसम छंद 
  • 3 विषम छंद

मात्रिक छंद तीन प्रकार के होते हैं उनके नाम 

  • सम छंद 
  • अर्द्धसम छंद 
  • और विषम छंद

इनके भी अलग – अलग प्रकार होते हैं! सभी के नाम अलग – अलग होते हैं ! और उनकी परिभाषाएं भी होती हैं इनके कुछ इस प्रकार नाम होते हैं!

  1. चौपाई छंद 
  2. दोहा छंद 
  3. सोरठा छंद 
  4. कुंडलिया छंद

इन सभी की परिभाषाएं क्या है यह पढ़ने से पहले मैं आपको वर्णवृत छंद की परिभाषा बता देता हूं! वर्णवृत छंद को वर्णिक छंद भी कहा जाता है चलिए अब हम पढ़ते हैं कि वर्णिक छंद किसे कहते हैं ?

वर्णिक छंद किसे कहते हैं?

दोस्तों वर्णिक छंद जिसमें ब्रणो की संख्या तथा ब्रणो का क्रम नियत होती है! इसी को वर्णिक छंद कहा जाता है! वर्णिक छंद के भी कई प्रकार होते हैं

लेकिन अगर आप 12वीं कक्षा के छात्र हो तो आपको पढ़ने की आवश्यकता नहीं है ! लेकिन अगर आप दूसरी कक्षा में हो जैसे कि 9th 10th 11th तो आपको पढ़ना जरूरी है!

अगर आप 9th 10th 11th में हो तो कमेंट करें मैं आपको वर्णिक छंद की पूरी परिभाषा पूरे प्रकार अच्छे से पढ़ा दूंगा! अगर आप 12वीं कक्षा के छात्र हो तो आगे पढ़े!

अब हम पढ़ने वाले हैं की 

  • चौपाई छंद क्या है 
  • सोरठा छंद क्या है 
  • दोहा छंद क्या है 
  • कुंडलिया छंद क्या है  

सभी की परिभाषा और उदाहरण पढ़ेंगे तो चलिए पढ़ना शुरू करते हैं! दोस्तों आपने पीछे पड़ा था! कि मात्रिक छंद सम और विषम तीन प्रकार के होते हैं चलिए मैं आपको इनके नाम भी बता देता हूं! 

  • चौपाई छंद क्या है 
  • सोरठा छंद क्या है
  • दोहा छंद क्या है
  • कुंडलिया छंद क्या है 

चलिए अब मैं इनके आपको परिभाषा बता देता हूं!

चौपाई छंद की परिभाषा क्या है?

जैसे कि आप पढ़ चुके हो की चौपाई छंद मात्रिक छंद है ! चौपाई छंद में चार चरण होते हैं! और हर चरण में 16 मात्राएं होती हैं! और आखिर में जगढ़ और तगड़ के प्रयोग का निषेध किया जाता है!

दोहा छंद की परिभाषा क्या है?

दोस्तों दोहा अर्द्धसम छंद है इसके भी चार चरण होते हैं ! इसके पहले तथा तीसरे चरण में 13-13 मत्राएं होती हैं! और दूसरे और चौथे चरण में 11-11 मात्राएं होती हैं!

दोहा चरण में जगण नहीं होना चाहिए और अंत चरणों के अंत में गुरु लागू होना चाहिए!

सोरठा छंद की परिभाषा क्या है?

सोरठा छंद यह सम मात्रिक छंद है! इसके पहले और तीसरे चरण में 11-11 मात्राएं होती हैं ! और दूसरे तथा चौथे चरण में 13-13 मात्राएं होती हैं!

पहले और तीसरे चरण के आखिर में गुरु लघु आते हैं! और कहीं-कहीं पर तुक भी लग जाती हैं! यह छंद दोहा छंद का उल्टा होता है !

आप जब दोहा छंद की परिभाषा याद कर लेते हो तो आपको सोरठा छंद की परिभाषा याद करने की आवश्यकता नहीं है ! आपको बस इतना याद रखना है कि दोहा सोरठा का उल्टा होता है!

आपको जैसे की दोहा छंद में पहले और तीसरे चरण में 13-13 मात्राएं होती हैं! तो सोरठा छंद में पहले और तीसरे चरण में 1111 मात्रा होती है ! इसी प्रकार से यह सब उल्टा होता है ! दोहा का 

कुंडलिया छंद की परिभाषा क्या है?

दोस्तों कुंडलिया छंद यह विषम मात्रिक छंद होता है ! इसमें 6 चरण होते हैं ! और हर चरण में 24 मात्राएं होती हैं! एक दोहा और बाद में एक रोला जुड़ कर कुंडलिया छंद बना लेते हैं!

यह दोनों छंद मानो कुंडलियां रूप में एक दूसरे में मिले हुए होते हैं ! इसीलिए उनको कुंडलिया छंद कहा जाता है!

निष्कर्ष

दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं कि आपको आज की जानकारी अच्छी लगी होगी। मैंने आपको बिल्कुल आसान भाषा में जानकारी पूरी देने की कोशिश की है! आपने अगर ध्यान से पढ़ा होगा। तो आपको सब कुछ याद हो गया होगा।

आज के इस पोस्ट में हमने पढ़ा है कि छंद किसे कहते हैं? छंद कितने प्रकार के होते हैं? मात्रिक छंद क्या है? चौपाई छंद क्या है? दोहा छंद क्या है? सोरठा छंद क्या है?

यह सब हम पढ़ चुके हैं! अगर आपको इनके उदाहरण भी पढ़ने है! तो कमेंट करें मैं आपको इनके बहुत ही आसान भाषा में पढ़ा दूंगा। आपको पढ़ने के बाद एक बार में ही याद हो जाएंगे। तो दोस्तों अगर आज की जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें!

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