सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय का जीवन एबं साहित्य परिचय क्या है ?

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय जी का जीवन और साहित्य परिचय क्या है? प्रमुख रचनाएं क्या है? भाषा –  शैली क्या है? साहित्य परिचय क्या है? क्या दोस्तों आप यह सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हो और आप गूगल पर क्रोम पर सर्च कर रहे हो।

सच्चिदानंद हीरानंद के बारे में तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर आ चुके हो, अगर आप 12वीं कक्षा के छात्र हो तो यह आर्टिकल आपके लिए ही होने वाला है! इसमें आपको पूरी जानकारी मिलेगी।

सच्चिदानंद के बारे में अगर आप इसको एक बार पूरा ध्यान से पढ़ लेते है! तो आपको कहीं भी दूसरी जगह पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी। तो चलिए पढ़ना स्टार्ट करते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे।

सच्चिदानंद हीरानंद का जीवन परिचय और सच्चिदानंद हीरानंद का साहित्य परिचय प्रमुख रचनाएं भाषा – शैली साहित्य स्थान
सबसे पहले हम पढ़ेंगे जीवन परिचय 

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सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय का जीवन परिचय

सच्चिदानंद का जन्म 1911 में करतारपुर पंजाब में हुआ था! इनके पिता का नाम श्री हीरानंद शास्त्री था! हीरा नंद जी ने मद्रास और लाहौर में शिक्षा प्राप्त की थी! और बीएससी करने के बाद m.a. अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई को कंप्लीट किया!

उसके बाद क्रांतिकारी आंदोलन में सहयोग लिया! और सहयोग लेने के कारण यह फरार हो गए! और शिक्षा नहीं कर पाए और इन्हें 1930 में सरकार ने गिरफ्तार कर लिया!

और इन्हें 4 वर्ष की जेल हो गई 2 वर्ष नजरबंद रहे! क्योंकि इन्होंने किसान आंदोलन में भी भाग लिया था! कुछ वर्ष आकाशवाणी में 1943 से लेकर 1946 तक सेना में रहे थे ! और 4 अप्रैल 1987 को इस महान कवि का निधन हो गया !

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन का शार्ट में जीवन परिचय

  • नाम – सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय  
  • पिता का नाम – श्री हीरानंद शास्त्री 
  • जन्म – 1911 
  • जन्म स्थान – करतारपुर ( पंजाब ) 
  • शिक्षा – ऍम ऐ अंग्रेजी 
  • भाषा – शैली भाषा इनकी भाषा क्लिष्ट एवं संस्कृतनिष्ट पदावली !और
  • शैली – छायावादी लाक्षणिक शैली ! भावात्मक शैली प्रयोग आदि ! सपाट शैली आदि !
  • निधन – 1987 – 4 अप्रैल 
  • साहित्य में स्थान – सच्चिदानंद एक महान कवि रहे हैं!

दोस्तों आपने दो जीवन परिचय पढ़े होंगे अब आपके दिमाग में यह सवाल आता होगा ! कि हमने यह दो जीवन परिचय क्यों बताएं है! लेकिन मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं! अगर आपको जीवन परिचय याद नहीं होता है

तो आप यह दोनों पढ़कर बहुत ही आसानी से याद कर सकते हो! जीवन परिचय को याद करने का तरीका बहुत ही आसान है! आप जीवन परिचय याद करते समय सिर्फ इन बातों का ध्यान रखना है! आपको जिस का भी जीवन परिचय याद करना है!

उनका नाम याद होना चाहिए! उनका जन्म कब हुआ था ! यह भी आपको याद होना चाहिए ! उसके बाद आपको उनके पिता का नाम क्या है ! यह मालूम होना चाहिए! जन्म स्थान कहां है उनका जन्म किस स्थान पर हुआ था! यह आपको मालूम होना चाहिए

और आपको शिक्षा मालूम होना चाहिए! और सबसे बड़ी बात आपको निधन और जन्म पक्का याद होना चाहिए! अगर आप इतने टॉपिक को याद कर लेते हो तो आपको जीवन परिचय में और कुछ याद करने की आवश्यकता नहीं है!

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय का साहित्य परिचय

सच्चिदानंद हीरानंद एक कवि हैं! इन्होंने अनेक कविताएं लिखी हैं! 1943 में अज्ञेय जी ने तारसप्तक नाम का एक काव्य संग्रह का संपादन किया था! इस संपादन में सात कवियों की रचनाओं की व्याख्या की है! सच्चिदानंद जी ने मद्रास और

लाहौर में शिक्षा प्राप्त की थी! इन्होंने बीएससी को कंप्लीट किया! उसके बाद एवं अंग्रेजी भाषा में कंप्लीट किया! और सच्चिदानंद जी 4 वर्ष तक जेल में रहे! और 2 वर्ष नजरबंद रहे थे! और सच्चिदानंद जी ने किसान आंदोलन में भी भाग लिया था!

दोस्तों आपको इस पाठ में जीवन परिचय साहित्य परिचय दोनों पड़ा है! लेकिन मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं! पेपर में सिर्फ 80 शब्द में ही लिखने के लिए कहा जाता है! जीवन परिचय को और साहित्य परिचय को अगर आप को मालूम नहीं है

तो आप यह बात हमेशा याद रखना आपको पेपर में सिर्फ 80 शब्द ही लिखना है! क्योंकि ज्यादा लिखने से आपको नंबर ज्यादा नहीं मिलेंगे ! आपको नंबर सिर्फ जीवन परिचय के यह साहित्य परिचय के उतने ही मिलेंगे जितने मिलते हैं!

प्रमुख रचनाएं सच्चिदानंद जी की

दोस्तों रचनाय बहुत सारी है इसमें से हम कुछ के नाम पढ़ लेते है. दोस्तों सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय की सबसे ज्यादा हरी घास पर छणभर, यह रचना सबसे ज्यादा पॉपुलर है! और आँगन के पार द्वार, सुनहले शैबाल इसके इसके साथ में ययाबार भी इनकी रचनाय है! 

  • घास पर छणभर,
  • आँगन के पार द्वार,
  • सुनहले शैबाल
  • ययाबार 

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय के पाठ का सन्दर्भ 

लेखक का नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय है और इस पाठ का नाम मैंने आहुति बनकर देखा।

दोस्तों बहुत से छात्र को यह प्रॉब्लम होती है की बो सन्दर्भ याद नहीं कर पाते है और परेशान रहते है! लेकिन दोस्तों आपको बिलकुल भी परेशान नहीं होना है, में आपको याद करने का बहुत आसान तरीका बताता हु!

किसी भी पाठ का सन्दर्भ याद करने के लिए आपको दो बातो को याद रखना है! सबसे बढ़ी बात यह है की आपको जिस भी पाठ का सन्दर्भ याद करना है उस पाठ के लेखक का नाम चाहिए और पाठ का नाम

दोस्तों में उम्मीद करता हु की आपको समझ आ गया होगा। दोस्तों अब हम कुछ बहुबिकल्पिए प्रश्न उत्तर पढ़ लेते है जो हर साल पूछे जाते है!

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय पाठ के बहुबिकल्पिए प्रश्न उत्तर 

प्रश्न – सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय जी की रचना नहीं है ?

उत्तर – दूध – बताशा 

प्रश्न – सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय जी की रचना है ?

उत्तर – आँगन के पार द्वार

प्रश्न – इन्द्रधनु रौंदे हुए ये के रचना कार का नाम किया है ? 

उत्तर – सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

प्रश्न – सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय जी ने कौन सा ग्रंथ किया है नाम किया है ?

उत्तर – आरी ओ करुणा प्रभामय

प्रश्न – सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय जी कौन है ?

उत्तर – कवि

निष्कर्ष  

इस लेख में हमने सचिदानंद के बारे में पढ़ा है में उम्मीद करता हु आपको यह जानकारी पसंद आई होगी पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यबाद और अगर आपको कुछ मुझसे पूछना है तो कमेंट करे!

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