ध्रुवयात्रा कहानी का सारांश और लेखक का नाम पूरी कहानी हिंदी मैं

ध्रुवयात्रा कहानी का सारांश और लेखक का नाम पूरी कहानी हिंदी मैं जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें! इस आर्टिकल में आपको धुवयात्रा कहानी को बहुत ही आसान भाषा में समझाया जाएगा।

ध्रुवयात्रा कहानी का सारांश और लेखक का नाम पूरी कहानी हिंदी मैं

और बहुत ही आसानी से आपको इसमें पढ़ाया जाएगा ! अगर आप इस आर्टिकल को एक बार पूरा पढ़ लेते हो ! तब आपको ध्रुवयात्रा कहानी को दोबारा और कही पढ़ने की जरूरत नहीं होगी। आपको एक बार ही मेरे इस पोस्ट को पढ़ने के बाद में याद हो जाएंगी।

ध्रुवयात्रा कहानी के लेखक का नाम क्या था?

ध्रुवयात्रा कहानी के लेखक का नाम क्या है ! यह जानना बहुत ही जरूरी है ! कहानी को पढ़ने से पहले हम लेखक के बारे में जान लेते हैं ! ध्रुवयात्रा के लेखक का नाम जैनेंद्र कुमार था!

ध्रुवयात्रा कहानी किस पर आधारित है?

दोस्तों ध्रुव यात्रा कहानी राजा रिपुदमन और उर्मिला के प्रेम पर आधारित कहानी है ! इस कहानी को पूरा एक बार जरूर पढ़ें।

ध्रुव यात्रा कहानी का सारांश

दोस्तों ध्रुवयात्रा कहानी का सारांश सबसे पहले हम पढ़ लेते हैं! ध्रुवयात्रा कहानी उम्रीला के प्रेम पर और राजा रिपुदमन बहादुर दोनों पर आधारित है चलिए पड़ना हम स्टार्ट करते हैं!

राजा रिपुदमन और उम्रीला की कहानी

ध्रुवयात्रा कहानी राजा रिपुदमन बहादुर और उमरीला के प्रेम पर आधारित है! एक बार ऐसा होता है जब राजा रिपुदमन बहादुर ने उत्तरी ध्रुव जीता तो वह जीत करके यूरोप के नगर – नगर से बधाइयां लेते हुए हिंदुस्तान आ रहे थे,

तो यह खबर अखबार में मोटे अक्षरों में छप गई! और सभी लोग आने की खबर सुनकर खुश हुए! फिर यह खबर उमरीला ने भी पड़ी। जब उर्मिला ने यह खबर पढ़ी कि राजा ने उत्तरी धुर्व को जीत कर के आ रहे हैं! तब वह बहुत खुश हुई,

और झूले में लेटे हुए बच्चे को चुंबकारा और राजा के आने का इंतजार करने लगी. फिर जब राजा  रिपुदमन हिंदुस्तान आ जाते हैं तो उमरीला उनसे मिलने जाती है! लेकिन आगे बढ़ने से पहले मैं बता दूं उमरीला आचार्य की सगी बेटी होती है!

लेकिन यह बात उर्मिला को नहीं पता होती है! जब उर्मिला राजा रिपुदमन से मिलने जाती है तो वह पुत्र को देख कर कहते हैं, लाओ मुझे दे दो, तो वह उस बच्चे को राजा के गोद में दे देती है! फिर राजा कहता है इसका नाम क्या है? तो उर्मिला कहती है! 

कि आप इसका नाम बता दीजिए तो राजा कहता है आज से इसका नाम आदित्य प्रसन्न बहादुर है! तो  कहती है! उर्मिला कहती है कि यह नाम बड़े लोगों पर सही लगते हैं मैं तो इसे मधु कहती हूं! तो राजा कहता है यही नाम ठीक है,

यह बच्चा राजा और उर्मीला के गहरे प्रेम की निशानी है! राजा रिपुदमन बहादुर ने उर्मीला से शादी नहीं की लेकिन उत्तरी ध्रुव जीत कर आने के बाद में शादी करना चाहते थे, लेकिन फिर उर्मीला शादी करना नहीं चाहती थी,

वह राजा रिपुदमन से बोली आपने उत्तरी धुर्व जीत लिया है! अब आप दक्षिणी ध्रुव को भी जीत लीजिए यह काम आपके सिवा कोई और नहीं कर सकता है! पहले राजा कहता था कि शादी करने के बाद व्यक्ति सबका नहीं हो सकता।

वह अपने मार्ग को हासिल नहीं कर सकता वह अपने लक्ष्य से रुकता है! तो उर्मिला कहती हैं! कि मैं नहीं चाहती कि शादी करके आप अपना लक्ष्य छोड़ दें, आपको दक्षिणी ध्रुव जाना चाहिए राजा पहले मना करता है और फिर बाद में चला जाता है!

और वह पर जाने के बाद शहीद हो जाता है! लेकिन जाने से पहले उर्मिल के तकिए में एक चिट्ठी छोड़ जाता है कहता है कि मैं दक्षिणी धुर्व से आना नहीं चाहता था! मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि भगवान्व आपकी और बच्चे की रक्षा करें!

यह कहानी है उमरीला और राजा रिपुदमन बहादुर के प्रेम की! इसमें राजा अपने आप गोली प्रकार हत्या खुद की करता है और शीद हो जाता है अब आपने राज रिपुदमन की पूरी कहानी को पढ़ लिए है अब चलिए शार्ट में पढ़ लेते है!

राजा रिपुदमन और उर्मिला के ध्रुवयात्रा की कहानी 80 शब्द में

राजा रिपुदमन बहादुर और उर्मिला के प्रेम की यह कहानी है! इस कहानी में राजा रिपुदमन उत्तरी धुर्व को जीतकर आते हैं! और वह फिर उर्मिला से मिलने जाते हैं! उमरीला के पास एक बच्चा होता है!

उस बच्चे को राजा गोद में लेते हैं नाम पूछते हैं और फिर उर्मिला कहती है इसका नाम मधु है और फिर दोनों में बातें होती हैं और फिर उर्मिला से राजा शादी करना चाहता है लेकिन उर्मिला मना करती हैं!

और उर्मिला कहती हैं! कि आप अपना लक्ष्य पूरा कीजिए आप अपना लक्ष्य शादी के बाद पूरा नहीं कर पाओगे। इसलिए आप पहले अपना लक्ष्य पूरा कीजिए। उर्मिला दक्षिणी ध्रुव को जाने के लिए कहती है राजा पहले मना करता है

लेकिन बाद में चला जाता है! और वहां पर जाने के बाद गोली मारकर खुद अपनी हत्या कर लेता है! और सबसे बड़ी बात यह आती है कि राजा उर्मिला के तकिए के नीचे एक चिट्ठी छोड़ जाता है!

जिसमें लिखा होता है कि मैं दक्षिण धुर्व से आना नहीं चाहता हूं! और मैं भगवान् से प्रार्थना करता हूं कि वह आपकी और मेरे बच्चे की रक्षा करें! यह कहानी राजा रिपुदमन और बहादुर की है

निष्कर्ष

दोस्तों अगर आपको धुरव्यात्रा की कहानी पसंद आई है ! तो इसे शेयर जरूर करे और ऐसी ही जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी इस वेबसाइट को फॉलो करे, इस लेख के माध्यम से मैंने आपको ध्रुवयात्रा कहानी के बारे में जानकारी देने की पूरी कोशिश की है! पोस्ट पूरा पढ़ें के लिए धन्यबाद।

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