बहादुर की कहानी का सारांश – बहादुर की पूरी कहानी हिंदी में

आज के इस लेख में अमरकांत लेखक की लिखी हुए एक कहानी है जिसका नाम हिंदी में बहादुर है! इस Bahadur Ki Kahani का सारांश पूरा विस्तार से पड़ेंगे। अगर आप 12वीं कक्षा में पढ़ते हो! आप 12वीं कक्षा के छात्र हो तो यह कहानी आपके लिए पढ़ना बहुत ही जरूरी है!

क्योंकि हिंदी की किताब में जब पेपर होता है! तो इस कहानी को अवश्य पूछा जाता है! तो समय न लेते हुए चलिए पढ़ते हैं कि बहादुर की कहानी किया है? और इस बहादुर की कहानी का सारांश क्या है!

की कहानी का सारांश बहादुर की पूरी कहानी हिंदी में min

बहादुर की कहानी का सारांश

बहादुर की कहानी को पढ़ने से पहले मैं आपको बता दूं बहादुर एक छोटा सा बच्चा है! जो नेपाल की घाटी में रहता है ! उसके ऊपर यह आधारित कहानी है तो चलिए हम पढ़ते हैं विस्तार में !

यह कहानी अमरकांत लेखक की और इसमें बहादुर का पूरा नाम दिल बहादुर है ! और यह कहानी भैंस और बहादुर के मां के ऊपर है ! बहादुर का घर पहाड़ी क्षेत्र में होता है और बहादुर के पिता फौजी होते हैं और वह शहीद हो जाते हैं !

बहादुर का पूरा नाम दिल बहादुर होता है ! निर्मला ने बहादुर नाम कर दिया था ! लेखक का बेटा किशोर बहादुर से काम करवाता था ! लेखक के घर मेहमान आते हैं ! और वह चोरी का इल्जाम लगाते हैं ! और बहादुर को पीटा जाता है!

बहादुर अपने घर से भागकर गोरखपुर आया बहा से अमरकांत के साले साहब ले आए थे लेकिन बाद में बहादुर भाग जाता है और पैसा भी नहीं लेकर जाता है! इस बात का निर्मला को बहुत दुख होता है !

यही पूरी कहानी बहादुर की है ! बहादुर की कहानी का सारांश अगर आपको याद नहीं होता है तो मैं इससे भी आसान तरीके से चलिए अब हम पढ़ते है और बहादुर की कहानी का सारांश पूरा याद कर लेते है!

बहादुर की कहानी का पूरा सारांश 

बहादुर का पूरा नाम दिल बहादुर होता है, एक दिन बहादुर भैंस को चराता होता है और फिर वह भैस दूसरे के खेत में चली जाती है फिर बहादुर भैंस को बहुत मारता है, भैंस को मारने के बाद भैंस बहादुर की मां के पास चली जाती है!

मां भैस को देखकर बहादुर को बहुत ही मारती हैं फिर बहादुर घर से भाग जाता है एक रात झाड़ियों में छुपा रहता है और दूसरे दिन गोरखपुर स्टेशन पर आ जाता है!

गोरखपुर स्टेशन पर आने के बाद अमरकांत के साले साहब वहां से बहादुर को अपनी बहन के घर निर्मला के घर पर ले आते हैं,

निर्मला ने अपने मायके में पहले से ही कह रखा था कि हमें एक नौकर की आवश्यकता है तो उनके साले साहब अमरकांत के साले साहब समझते हैं, कि यह नौकरी करने के लायक है तो वह अपने बहन के घर पर ले आता है,

उसके बाद बहादुर निर्मला के घर पर ही काम करता है लेकिन एक बार निर्मला के घर पर मेहमान आते हैं तो वह 11 रूपय का चोरी का इल्जाम बहादुर के ऊपर लगा देते हैं, फिर बहादुर को सभी लोग चोर समझते हैं!

फिर बहादुर को खाना भी नहीं दिया जाता है और निर्मला कहती हैं कि खुद अपना खाना बनाओ और कुछ समय के बाद अमरकांत घर पर नहीं होते है, तो बहादुर से एक बार एक सिलबट्टा टूट जाता है इसकी डर से वहां घर से भाग जाता है!

सोचता है कि उसे बहुत पिटाई लगेगी अगर साहब आ गए तो लेकिन भाग जाने के बाद पूरे घर वालों को अफसोस होता है, और निर्मला भी बहुत दुखी होती है अमरकांत भी बहुत दुखी होती है! और किशोर भी बहुत बहादुर को पूरे शहर में ढूंढता है!

और कहता है कि एक बार बहादुर आ जाए मैं उससे माफी मांग लूंगा और कभी भी उसको परेशान नहीं करूँगा। लेकिन बहादुर कभी दोबारा नहीं आता है! यही पूरी कहानी बहादुर की है इस कहानी में बहादुर पर अत्यचार किया जाता है!

निष्कर्ष

दोस्तों में उम्मीद करता हु की आपको बहादुर की कहानी का सारांश पसंद आया होगा। और ऐसी जानकारी प्राप्त करने के लिए ! हमारी वेबसाइट को फॉलो करे !

Leave a Comment